चंडीगढ़ :- सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार नई योजनाएं बना रही है। इसी बीच उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बड़ा सुझाव दिया है कि हर साल किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में 35,000 रुपये तक की मदद दी जाए। यह मदद किसानों को खाद, बीज और दूसरी सब्सिडी की जगह सीधे पैसे के रूप में मिलेगी। इससे किसानों को ज्यादा फायदा होगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
हर तरह की मदद सीधे किसानों के खाते में हो
उप राष्ट्रपति ने कहा कि किसानों की मदद तभी सही मायने में होगी जब सभी तरह की सब्सिडी और सहायता सीधे उनके बैंक खाते में आएगी। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण दिया, जहां किसान परिवारों की आय आम परिवारों से ज्यादा होती है, क्योंकि उन्हें सरकार से सीधे आर्थिक मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि भारत में भी ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिससे फर्जीवाड़ा कम होगा और मदद सीधे सही किसानों तक पहुंचेगी।
किसानों को मिलेगी सालाना 35,000 रुपए तक की सब्सिडी
धनखड़ ने बताया कि अगर अभी जो सारी सब्सिडियां अप्रत्यक्ष रूप से दी जाती हैं, उन्हें सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर किया जाए, तो हर किसान को सालाना कम से कम 35,000 रुपये मिल सकते हैं। अभी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को साल में 6,000 रुपये सीधे मिलते हैं। लेकिन जरूरत है कि बाकी सभी योजनाएं भी इसी तरह सीधे किसानों तक पहुंचें।
कृषि अब सिर्फ खेती नहीं, एक बड़ा उद्योग है
उप राष्ट्रपति ने कहा कि कृषि सिर्फ खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा उद्योग है। इसमें फूड प्रोसेसिंग, डेयरी, बागवानी और जैविक खेती जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि देश की आधी आबादी खेती पर निर्भर है, इसलिए इस क्षेत्र में निवेश और नयी तकनीकें लाना बहुत जरूरी है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे गांवों को गोद लेकर वहां कृषि में नए प्रयोग और सुधार करें।
किसान बने एग्रीप्रेन्योर (कृषि उद्यमी)
धनखड़ ने कहा कि किसानों को अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर एग्रीप्रेन्योर बनना होगा। इसका मतलब है कि किसान खेती के साथ-साथ फसल बेचने, उसकी पैकेजिंग, ब्रांडिंग और निर्यात जैसे काम भी करें। देश भर में कई कृषि विज्ञान केंद्र (KVKs) और संस्थाएं किसानों को इस बारे में ट्रेनिंग दे रही हैं। अगर किसान इस रास्ते पर चलेंगे तो उनकी आमदनी बढ़ेगी और देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
कृषि आधारित विकास के लिए कदम
उप राष्ट्रपति ने कहा कि अगर खेती को सही तरीके से उद्योग का दर्जा दिया जाए, तो यह न सिर्फ किसानों की मदद करेगा बल्कि पूरे देश की आर्थिक प्रगति में योगदान देगा। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संस्थाओं से भी अपील की कि वे किसानों की मदद करें और उनके गांवों को विकसित करने में सहयोग दें। उन्होंने किसानों से कहा कि वे आत्मनिर्भर बनें और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठाएं। उनका मानना है कि देश तभी मजबूत होगा जब उसके किसान आत्मनिर्भर होंगे।