नई दिल्ली :- बहुत से लोग गांव और शहर में खेत की ज़मीन रखते हैं। कुछ लोग खेती करते हैं, और कुछ लोग ज़मीन को बेच देते हैं। लेकिन बहुत लोगों को समझ नहीं आता कि खेत की ज़मीन बेचने पर सरकार को टैक्स देना पड़ता है या नहीं?
चलिए अब इसे बहुत ही आसान भाषा में समझते हैं।
खेत की ज़मीन कितने प्रकार की होती है?
-
गांव की ज़मीन (ग्रामीण खेत) – यह गांव में होती है।
-
शहर की ज़मीन (शहरी खेत) – यह शहर या शहर के पास होती है।
गांव की ज़मीन बेचने पर टैक्स लगेगा?
नहीं।
अगर खेत की ज़मीन गांव में है, तो कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।
सरकार इस पर कोई पैसा नहीं लेती।
शहर की ज़मीन बेचने पर टैक्स लगेगा?
हाँ।
अगर ज़मीन शहर में है या शहर के पास है, तो सरकार को टैक्स देना पड़ता है।
टैक्स कब और कितना देना होगा?
-
अगर आपने ज़मीन 2 साल से पहले बेच दी, तो सरकार आपकी कमाई पर आपकी आमदनी के हिसाब से टैक्स लेगी।
-
अगर आपने ज़मीन 2 साल के बाद बेची, तो जो पैसा कमाया है, उस पर 20% टैक्स देना होगा।
आसान में समझो:
ज़मीन कहां है? | टैक्स देना है या नहीं? |
---|---|
गांव में है | ❌ नहीं देना |
शहर में है | ✅ हां देना है |
2 साल से पहले बेची | टैक्स देना है (थोड़ा ज़्यादा) |
2 साल बाद बेची | टैक्स देना है (20%) |
छोटा सा उदाहरण:
रामू चाचा के पास गांव में खेत था। उन्होंने उसे बेचा।
उन्हें कोई टैक्स नहीं देना पड़ा।
लेकिन श्याम चाचा ने शहर के पास ज़मीन बेची।
उन्हें सरकार को टैक्स देना पड़ा।
अगर तुमने सब कुछ पढ़ लिया है, तो अब तुम भी किसी को समझा सकते हो कि
खेत बेचने पर टैक्स कब लगता है और कब नहीं। ✅