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Haryana News: हरियाणा में मजदूरों की चमकेगी किस्मत, नायब सरकार ने शुरू किया ये काम

By Rohit Kumar

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chanहरियाणा में काम करने वाले लाखों मजदूरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य सरकार ने न्यूनतम मजदूरी दरों में संशोधन की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू कर दी है। यह फैसला मजदूरों की लंबे समय से चली आ रही मांगों को देखते हुए लिया गया है, जिससे आने वाले समय में उन्हें अधिक मजदूरी और बेहतर जीवन स्तर मिलने की उम्मीद है।

पिछली बार 2015 में हुआ था संशोधन

हरियाणा में आखिरी बार साल 2015 में मजदूरी दरों में बदलाव किया गया था। इसके बाद 2020 में अगला संशोधन प्रस्तावित था, लेकिन वह किसी कारणवश लागू नहीं हो सका। अब मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में सरकार ने इस प्रक्रिया को फिर से सक्रिय किया है।

बनी दो समितियां

मजदूरी दरों में बदलाव को लेकर सरकार ने एक मुख्य समिति और एक उप-समिति का गठन किया है:

  • मुख्य समिति के अध्यक्ष: संयुक्त श्रम आयुक्त परमजीत सिंह

  • सदस्य: श्रम, वित्त और योजना विभाग के अधिकारी

  • विशेषज्ञ सदस्य: भारतीय मजदूर संघ (BMS) के पवन कुमार

इसके अलावा, जमीनी स्तर की चुनौतियों पर काम करने के लिए एक उप-समिति भी बनाई गई है जिसकी अगुवाई उप-श्रम आयुक्त विश्वजीत सिंह हुड्डा कर रहे हैं। यह उप-समिति मुख्य समिति के साथ मिलकर सिफारिशें तैयार करेगी।

90 दिनों में रिपोर्ट देगी समिति

सरकार ने निर्देश दिए हैं कि ये समिति 90 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपे। रिपोर्ट के आधार पर यदि समय रहते निर्णय लिया गया, तो हरियाणा के लाखों श्रमिकों की आमदनी में सीधा फायदा पहुंचेगा।

किसे मिलेगा फायदा?

यदि न्यूनतम मजदूरी दरें बढ़ती हैं, तो इसका सीधा लाभ इन वर्गों को मिलेगा:

  • निर्माण श्रमिक

  • घरेलू कामगार

  • खेतों में काम करने वाले मजदूर

  • फैक्ट्री कर्मचारी

  • दिहाड़ी मजदूर

  • औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत श्रमिक

क्यों जरूरी है मजदूरी में संशोधन?

  • 2015 के बाद महंगाई में तेज़ बढ़ोतरी हुई है

  • मजदूरी दरें अब तक उसी स्तर पर बनी हुई हैं

  • बढ़ते खर्चों के बीच मजदूर वर्ग आर्थिक संकट से जूझ रहा है

  • समय-समय पर मजदूरी दरें बढ़ाना जरूरी है ताकि मजदूर सम्मानजनक जीवन जी सकें

श्रमिक हितों को लेकर सरकार की सोच

मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार ने इस कदम के जरिए साफ संकेत दिया है कि वे श्रमिकों की स्थिति सुधारने को प्राथमिकता दे रही है। सरकार चाहती है कि मजदूर स्वाभिमान से जी सकें और उन्हें उनका हक मिल सके।

विशेषज्ञों की राय

आर्थिक विशेषज्ञों और श्रमिक संगठनों का मानना है कि अगर सरकार समय पर यह बदलाव लागू कर देती है तो इससे:

  • मजदूरों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी

  • उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार आएगा

  • राज्य की औद्योगिक और आर्थिक प्रगति को भी बल मिलेगा

वंदना गुप्ता

वंदना गुप्ता एक अनुभवी पत्रकार हैं, जो KhabriExpress.net के लिए ऑटोमोबाइल, गैजेट, हरियाणा समाचार और सरकारी योजनाओं से जुड़ी खबरें लिखती हैं। उनकी लेखनी स्पष्ट, विस्तृत और पाठकों के लिए उपयोगी होती है। नवीनतम तकनीक और नीतियों की गहरी समझ के साथ, वे सटीक और भरोसेमंद जानकारी प्रदान करने में माहिर हैं।

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