नई दिल्ली :- भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे आसान और तेज़ तरीका बन चुका है UPI (यूपीआई)। आज लाखों लोग रोज़ाना UPI के ज़रिए पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं — चाहे वो दुकानों पर खरीदारी हो, ऑनलाइन पेमेंट हो या फिर किसी को पैसा भेजना हो। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया कि अगर आप ₹3000 से ज्यादा की UPI पेमेंट करते हैं तो उस पर शुल्क लिया जाएगा। इस खबर ने आम लोगों के बीच चिंता बढ़ा दी है, खासकर उन लोगों के लिए जो रोज़ाना UPI का इस्तेमाल करते हैं। तो आइए जानते हैं इस पूरे मामले की सच्चाई और सरकार ने इस पर क्या बयान दिया है।

वायरल दावे में क्या कहा गया?
कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर दावा किया गया कि अगर कोई व्यक्ति ₹3000 से अधिक की UPI पेमेंट करता है तो उससे कुछ प्रतिशत फीस ली जाएगी। साथ ही यह भी कहा गया कि यह नियम जल्द लागू किया जाएगा। इस खबर को कई लोगों ने बिना जांच के सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया जिससे भ्रम की स्थिति बन गई।
सरकार ने दी साफ़ जानकारी
इस पूरे मामले पर वित्त मंत्रालय और NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है। सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि:
“UPI ट्रांजैक्शन पूरी तरह से मुफ्त हैं और आम जनता से कोई चार्ज नहीं लिया जा रहा है, चाहे राशि ₹3000 हो या उससे अधिक।”
NPCI ने भी कहा कि व्यक्तिगत और व्यापारी लेन-देन, दोनों पर किसी भी प्रकार की अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया गया है।
मर्चेंट पेमेंट के लिए PPI चार्ज है, लेकिन आम यूजर पर नहीं
कुछ मीडियाओं में यह भी कहा गया कि प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) जैसे वॉलेट के ज़रिए किए गए मर्चेंट पेमेंट्स पर 1.1% का इंटरचेंज शुल्क लगाया जा रहा है। यह जानकारी सही है, लेकिन इसका आम UPI यूजर से कोई लेना-देना नहीं है। मतलब अगर आप Google Pay, PhonePe, Paytm या BHIM जैसे ऐप से किसी व्यक्ति को पैसा भेजते हैं, QR कोड स्कैन कर के दुकान पर पेमेंट करते हैं या बैंक से बैंक पेमेंट करते हैं — तो आपसे कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा, चाहे पेमेंट ₹3000 का हो या ₹30,000 का।
क्यों फैलती हैं ऐसी अफवाहें?
अधिकतर बार तकनीकी या बैंकिंग शब्दों की गलतफहमी के कारण ऐसी अफवाहें फैल जाती हैं। इसलिए किसी भी नई जानकारी को समझने से पहले सरकारी पोर्टल या विश्वसनीय न्यूज़ सोर्स से जानकारी जरूर जांच लें।