नई दिल्ली, Agriculture News :- जून का महीना आते ही किसान भाई धान की नर्सरी तैयार करने लगते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि धान की खेती में बहुत ज्यादा पानी लगता है? ऐसे किसान जिनके पास पानी की कमी है, वो धान की जगह रागी यानी बाजरा की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

क्यों करें रागी की खेती?
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कम पानी की जरूरत:
जहां धान की खेती में काफी पानी लगता है, वहीं रागी की खेती आधे पानी में हो जाती है। -
कम लागत:
इसमें खाद, दवा और सिंचाई का खर्च बहुत कम होता है। -
स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद:
रागी में भरपूर मात्रा में कैल्शियम, आयरन, फाइबर और प्रोटीन होता है। यह बच्चों, बुजुर्गों और डायबिटीज मरीजों के लिए भी बहुत अच्छा है। -
सरकारी समर्थन:
सरकार ने रागी का MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ाकर ₹4886 प्रति क्विंटल कर दिया है, जो कि धान के MSP ₹2400 से लगभग दोगुना है।
रागी की खेती से फायदा
बाराबंकी जिले के उप कृषि निदेशक श्रवण कुमार के अनुसार, जिन इलाकों में पानी की किल्लत रहती है, वहां रागी बहुत फायदेमंद फसल साबित हो सकती है। इसकी मांग भी बाजार में बढ़ रही है क्योंकि लोग अब हेल्दी खाने को ज्यादा पसंद करते हैं।
रागी की अच्छी किस्में
अगर किसान भाई रागी की खेती करना चाहते हैं, तो उन्हें अच्छी किस्में लगानी चाहिए, जैसे:
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वीएल 115 – इससे एक एकड़ में करीब 30 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है।
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वीएल 352
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सीएसवीएल 117
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वीएल 204
इन किस्मों की खास बात यह है कि ये जल्दी तैयार हो जाती हैं, कम लागत में ज्यादा उत्पादन देती हैं और रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती है।
कहां कर सकते हैं खेती?
रागी की खेती मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ी और सूखे क्षेत्रों में भी आसानी से की जा सकती है। यह फसल गर्मी और कम पानी को सहन कर सकती है।
बाजार में बिक्री की कोई परेशानी नहीं
रागी की मांग अब सिर्फ गांवों तक ही सीमित नहीं रही। शहरों में भी रागी के आटा, लड्डू, कुकीज़, बिस्किट और ब्रेड खूब बिकते हैं। इसलिए किसानों को इसकी बिक्री में कोई दिक्कत नहीं आती। साथ ही सरकार मार्केटिंग में भी सहयोग देती है।