चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार ने प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कुमारी आरती सिंह राव के नेतृत्व में “चिरायु आयुष्मान भारत योजना” का दायरा बढ़ा दिया गया है। अब यह योजना केवल गरीब वर्ग तक सीमित न रहकर, मध्यम आय वर्ग के परिवारों को भी स्वास्थ्य सुरक्षा देने के लिए तैयार है।

किसे मिलेगा अब योजना का लाभ?
अब तक इस योजना का लाभ परिवार पहचान पत्र (PPP) के अनुसार 1.80 लाख से 3 लाख रुपये सालाना आय वाले परिवारों को मिलता था, जिन्हें सिर्फ ₹1500 वार्षिक अंशदान देना होता था। लेकिन अब सरकार ने योजना का विस्तार करते हुए ऐसे परिवार जिनकी सालाना आय 3 लाख से 6 लाख रुपये के बीच है, उन्हें भी इस योजना में शामिल कर लिया है।
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3 लाख से 6 लाख रुपये तक आय वाले परिवारों को सालाना ₹4,000 अंशदान देना होगा।
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वहीं 6 लाख रुपये से अधिक आय वालों के लिए यह योजना भी खुली रहेगी, लेकिन उन्हें सालाना ₹5,000 का अंशदान देना होगा।
इस फैसले से लाखों लोग इस योजना से जुड़ सकेंगे और उन्हें भी सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।
योजना की सुविधाएं क्या हैं?
चिरायु आयुष्मान भारत योजना के तहत हरियाणा सरकार राज्य के पात्र परिवारों को प्रति वर्ष ₹5 लाख तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा देती है। इसका मतलब यह है कि योजना से जुड़े परिवार राज्य के सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में बिना किसी पैसे के इलाज करवा सकते हैं। इस योजना की एक खास बात यह है कि इसमें कोई आयु सीमा नहीं है, और परिवार के जितने भी सदस्य हैं, वे सभी इस योजना के तहत कवर किए जाते हैं। इसका लाभ कैंसर, हार्ट, किडनी, एक्सीडेंट, सर्जरी, प्रसव आदि बड़े और महंगे इलाजों में भी लिया जा सकता है।
सरकार की सोच और लक्ष्य
स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने कहा कि यह योजना हरियाणा में स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने का एक बड़ा कदम है। सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी नागरिक पैसे की कमी के कारण इलाज से वंचित न रह जाए। राज्य सरकार का मानना है कि जब तक नागरिक स्वस्थ नहीं होंगे, तब तक राज्य का संपूर्ण विकास संभव नहीं है। इसी सोच के साथ अब मध्यम वर्ग के परिवारों को भी इस योजना से जोड़ा गया है, जिससे वे महंगे इलाज से बच सकें।