नई दिल्ली :- देश के करोड़ों किसानों के लिए एक बहुत ही राहत भरी खबर सामने आई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan Yojana) के तहत केंद्र सरकार अब 20वीं किस्त जारी करने जा रही है, और इस बार किसानों को ₹4000 की सहायता दी जाएगी। यह पहली बार है जब एक किस्त में इतनी बड़ी रकम दी जा रही है, क्योंकि अब तक किसानों को सालाना ₹6000 की मदद तीन किस्तों में मिलती थी यानी हर बार ₹2000 की किस्त दी जाती थी।

क्यों बढ़ाई गई किस्त?
इस बार सरकार ने खेती की बढ़ती लागत, खाद-बीज की महंगाई और किसानों की वित्तीय जरूरतों को देखते हुए यह निर्णय लिया है कि 20वीं किस्त में ₹4000 सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। इससे उन्हें बुवाई, सिंचाई, खाद-बीज जैसी जरूरी चीजों के लिए आर्थिक सहायता मिलेगी।
किसे मिलेगा फायदा?
इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो छोटे और सीमांत वर्ग में आते हैं। यानी जिनके पास 2 हेक्टेयर या उससे कम कृषि योग्य भूमि है। साथ ही पात्रता के लिए कुछ शर्तें भी जरूरी हैं:
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किसान का नाम लाभार्थी सूची में होना चाहिए।
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किसान की e-KYC पूरी होनी चाहिए।
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आधार और बैंक खाता आपस में लिंक होना चाहिए।
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किसान के पास जमीन के सही कागजात होने चाहिए।
कब आएगी 20वीं किस्त?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह किस्त जून 2025 के तीसरे या चौथे सप्ताह में ट्रांसफर की जा सकती है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक तारीख की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन तैयारी पूरी कर ली गई है।
जरूरी दस्तावेज
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आधार कार्ड
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बैंक खाता और पासबुक
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जमीन के दस्तावेज (खसरा-खतौनी)
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मोबाइल नंबर (SMS अलर्ट के लिए)
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पासपोर्ट साइज फोटो
क्या करें अगर किस्त नहीं आए?
अगर आपके खाते में किस्त नहीं आती है तो सबसे पहले पीएम किसान की वेबसाइट (pmkisan.gov.in) पर जाकर स्टेटस चेक करें। यदि कोई त्रुटि है, तो उसे ठीक करवाएं। इसके बाद भी समस्या बनी रहे तो हेल्पलाइन नंबर या नजदीकी कृषि विभाग में संपर्क करें।
e-KYC क्यों जरूरी है?
e-KYC अब अनिवार्य कर दिया गया है। अगर किसी किसान ने e-KYC नहीं करवाई है तो उसे योजना से बाहर कर दिया जाएगा। e-KYC आप पीएम किसान पोर्टल से OTP के जरिए या फिर CSC सेंटर जाकर बायोमेट्रिक तरीके से करवा सकते हैं।
योजना का मुख्य उद्देश्य
PM किसान योजना का उद्देश्य छोटे किसानों को वित्तीय सहायता देना है ताकि वे खेती से जुड़ी समस्याओं से उबर सकें और समय पर बुवाई कर सकें। यह योजना दिसंबर 2018 में शुरू की गई थी और तब से अब तक करोड़ों किसान इससे लाभ उठा चुके हैं।