चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार ने प्रदेश के श्रमिक परिवारों के होनहार बच्चों को सिविल सर्विस जैसी कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता देने की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया है। हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा चलाई जा रही “कोचिंग वित्तीय सहायता योजना” के तहत अब ऐसे छात्र-छात्राओं को ₹1 लाख तक की सहायता राशि दी जाएगी, जो UPSC या HPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास कर चुके हैं और मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

प्रोफेशनल कोर्स करने वालों को भी मिलेगा लाभ
सिर्फ सिविल सर्विस ही नहीं, बल्कि NEET, JEE, CLAT जैसे प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश के लिए कोचिंग कर रहे विद्यार्थियों को भी सरकार सहायता देगी। इस श्रेणी में पात्र छात्र-छात्राओं को ₹20,000 तक की आर्थिक मदद दी जाएगी।
किन छात्रों को मिलेगा लाभ?
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यह योजना केवल श्रमिकों के बच्चों के लिए है।
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एक परिवार के 3 बेटियों और 2 बेटों तक को इसका लाभ दिया जा सकता है।
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अगर कोई विद्यार्थी श्रम कल्याण बोर्ड से छात्रवृत्ति भी ले रहा है, तब भी वह इस योजना के लिए पात्र है।
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ध्यान दें, यह योजना ऐसे छात्रों के लिए है जो खुद नौकरी या व्यवसाय में न हों।
पात्रता की शर्तें:
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विद्यार्थी का अभिभावक हरियाणा के किसी औद्योगिक या व्यावसायिक प्रतिष्ठान में कार्यरत होना चाहिए।
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अभिभावक श्रम कल्याण बोर्ड में पंजीकृत (रजिस्टर्ड) होना जरूरी है।
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मासिक वेतन ₹25,000 से अधिक नहीं होना चाहिए।
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श्रमिक को कम से कम 1 वर्ष तक की नौकरी का अनुभव होना चाहिए।
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बच्चे को पिछली परीक्षा में कम से कम 60% अंक प्राप्त होने चाहिए।
कैसे करें आवेदन?
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सबसे पहले hrylabour.gov.in वेबसाइट पर जाएं।
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“कल्याण बोर्ड लाभार्थी” सेक्शन में लॉगिन करें।
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नाम, पासवर्ड और कैप्चा दर्ज कर लॉगिन करें।
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“Schemes” सेक्शन पर क्लिक करें और “कोचिंग वित्तीय सहायता योजना” चुनें।
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आवेदन फॉर्म ध्यानपूर्वक भरें और जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
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अंत में फॉर्म सबमिट कर दें।