नई दिल्ली :- अगर आप जमीन या फ्लैट की रजिस्ट्री कराने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। केंद्र और राज्य सरकारों ने जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी, तेज़ और डिजिटल बनाने के लिए 1 जुलाई 2025 से 4 बड़े नियमों में बदलाव किए हैं। इन नए नियमों के लागू होने से प्रॉपर्टी खरीददार और विक्रेता दोनों को सीधा फायदा मिलेगा। जहां एक तरफ फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी, वहीं दूसरी ओर दस्तावेज़ी प्रक्रिया और समय दोनों में कटौती होगी।

क्या हैं वो 4 बड़े बदलाव? जानिए विस्तार से
1. अब बिना आधार रजिस्ट्री नहीं – आधार सत्यापन अनिवार्य
अब से किसी भी व्यक्ति को जमीन या फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिए आधार कार्ड का बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
- फर्जी पहचान के ज़रिए रजिस्ट्री को रोका जा सकेगा
- संपत्ति धोखाधड़ी में भारी गिरावट आएगी
- बिचौलियों की भूमिका होगी सीमित
नोट: यदि किसी के पास आधार नहीं है, तो वैकल्पिक पहचान पत्र के साथ OTP आधारित पहचान प्रक्रिया भी लागू की गई है।
2. डिजिटल दस्तावेज़ अपलोड की सुविधा – अब घर बैठे तैयार करें रजिस्ट्री
नए नियमों के अनुसार अब ई-गवर्नेंस पोर्टल के ज़रिए सभी जरूरी दस्तावेज़ों को ऑनलाइन अपलोड किया जा सकता है। इससे आपको सब-रजिस्ट्रार कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
अपलोड किए जाने वाले दस्तावेज़:
- बिक्री अनुबंध (Sale Deed)
- आधार / पहचान पत्र
- संपत्ति कर रसीद
- पूर्व स्वामित्व दस्तावेज़
- NOC (यदि लागू हो)
इससे समय की बचत होगी और प्रक्रिया और भी पारदर्शी बनेगी।
3. स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस अब ऑनलाइन
अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन किया जा सकेगा। आपको बैंक की लाइन में लगने की जरूरत नहीं होगी।
ऑनलाइन पेमेंट से लाभ:
- तुरंत रसीद मिलेगी
- भुगतान रिकॉर्ड डिजिटली सुरक्षित रहेगा
- बिचौलियों की दलाली से राहत
सरकार UPI, नेट बैंकिंग और डेबिट कार्ड के माध्यम से भुगतान की सुविधा दे रही है।
4. रजिस्ट्री की ई-कॉपी घर बैठे डाउनलोड करें
अब रजिस्ट्री के फिजिकल कॉपी का इंतज़ार करने की जरूरत नहीं। जैसे ही आपकी रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी होगी, आपको एक डिजिटली साइन की गई ई-कॉपी पोर्टल से मिल जाएगी, जिसे आप कभी भी डाउनलोड कर सकते हैं।
इस सुविधा से होगा फायदा:
- डॉक्युमेंट्स खोने का डर नहीं
- किसी भी समय कही से भी डाउनलोड संभव
- कोर्ट या बैंक में डिजिटल दस्तावेज़ मान्य
किसे मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?
- पहली बार घर या फ्लैट खरीदने वालों को
- ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन बेचने/खरीदने वालों को
- एनआरआई या दूर-दराज के खरीदारों को
- वे लोग जो रजिस्ट्री की पारदर्शी प्रक्रिया चाहते हैं
इन बदलावों का कानूनी महत्व
इन नियमों को लागू कर सरकार ने भारतीय रजिस्ट्रेशन अधिनियम, 1908 और आईटी अधिनियम, 2000 में बदलावों का सहारा लिया है। अब डिजिटल दस्तावेज़ और बायोमेट्रिक सत्यापन को भी कानूनी मान्यता प्राप्त है।
आम जनता की प्रतिक्रिया
- कई लोगों ने कहा कि रजिस्ट्री में लगने वाला समय अब आधा हो गया है
- कुछ लोगों ने बताया कि भ्रष्टाचार में भारी कमी आई है
- डिजिटल प्रक्रिया से नकली दस्तावेज़ प्रस्तुत करने की घटनाएं बंद हुई हैं
क्या हैं कुछ जरूरी सावधानियां?
- सभी दस्तावेज़ पहले से स्कैन और PDF में रखें
- ऑनलाइन पोर्टल पर सही जानकारी दर्ज करें
- बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के समय आधार अपडेटेड होना चाहिए
- डिजिटल सिग्नेचर और पेमेंट रसीद को सुरक्षित रखें