नई दिल्ली :- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पुराने और कई सालों से निष्क्रिय पड़े बैंक खातों को दोबारा चालू करने के लिए नए नियम जारी किए हैं। अब ग्राहकों को अपने इनऑपरेटिव अकाउंट को एक्टिव कराने के लिए सिर्फ उसी ब्रांच में जाने की जरूरत नहीं है जहां खाता खुलवाया गया था। साथ ही KYC प्रक्रिया को भी पहले से ज्यादा आसान और डिजिटल कर दिया गया है।

निष्क्रिय खाता क्या होता है?
अगर किसी बैंक खाते में 10 साल तक कोई लेन-देन नहीं होता, तो बैंक उसे Inoperative Account घोषित कर देता है। ऐसे खातों में जमा राशि को यदि कोई क्लेम नहीं करता है, तो वो रकम RBI के Depositor Education and Awareness (DEA) Fund में ट्रांसफर कर दी जाती है।
RBI के नए KYC नियम क्या हैं?
RBI ने 12 जून 2025 को नए निर्देश जारी किए हैं, जिनके अनुसार:
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ग्राहक अब किसी भी नजदीकी ब्रांच में जाकर KYC अपडेट कर सकते हैं, होम ब्रांच जाना जरूरी नहीं।
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वीडियो KYC (V-CIP) की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिससे ग्राहक मोबाइल या लैपटॉप से घर बैठे ही पहचान सत्यापन कर सकेंगे।
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बिजनेस करेस्पॉन्डेंट्स (BCs) ग्रामीण इलाकों में जाकर KYC अपडेट करवा सकेंगे।
KYC अपडेट के विकल्प
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किसी भी बैंक ब्रांच में जाकर आधार कार्ड/ID और एड्रेस प्रूफ दिखाकर
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मोबाइल या लैपटॉप से वीडियो KYC के जरिए
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गांव में मौजूद बैंक के BC एजेंट के जरिए
किन लोगों को मिलेगा सबसे ज्यादा फायदा?
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सीनियर सिटिज़न, जिन्हें ब्रांच जाना मुश्किल होता है
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NRI, जो विदेश में रहते हैं
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गांव या दूरदराज के क्षेत्र के ग्राहक
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जिनका खाता बंद हो चुका है या होम ब्रांच दूर है
निष्क्रिय खाता दोबारा चालू क्यों कराएं?
भारत में कई हजार करोड़ रुपये निष्क्रिय खातों में जमा हैं, जिनका कोई इस्तेमाल नहीं हो रहा। इन खातों को दोबारा एक्टिव करने से:
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ग्राहक अपने पुराने पैसे दोबारा इस्तेमाल कर पाएंगे
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बैंकों को फंड्स का बेहतर उपयोग करने का मौका मिलेगा
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डिजिटल बैंकिंग का दायरा बढ़ेगा और सभी को सुविधाएं मिलेंगी