नई दिल्ली :- अब जो नोट पुराने, फटे या बेकार हो जाते हैं, उन्हें फेंका नहीं जाएगा। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक नई योजना शुरू की है, जिसमें ऐसे पुराने नोटों से कुर्सी, मेज और अलमारी जैसे फर्नीचर बनाए जाएंगे।

क्या है ये नई योजना?
RBI ने देश के कुछ बड़े वैज्ञानिकों के साथ मिलकर एक तरीका निकाला है। इस तरीके से पुराने नोटों को तोड़कर लकड़ी जैसे बोर्ड बनाए जाएंगे। इन बोर्डों से फर्नीचर और घर का सामान बनाया जा सकता है।
कितने नोट हर साल फट जाते हैं?
हर साल लगभग 15,000 टन पुराने और फटे नोट जमा होते हैं। पहले इन्हें जला दिया जाता था या ज़मीन में दबा दिया जाता था, जिससे प्रदूषण फैलता था। लेकिन अब इन्हें काम की चीज में बदला जाएगा।
कैसे बनते हैं ये बोर्ड?
वैज्ञानिकों ने बताया कि पुराने नोटों को गूंथकर एक खास तरह का टुकड़ा बनाया जाता है, जिसे पार्टिकल बोर्ड कहते हैं। यह बोर्ड लकड़ी की तरह मजबूत होता है। अब कई कंपनियां ऐसे बोर्ड बनाने में RBI की मदद कर रही हैं।
क्यों है ये अच्छा आइडिया?
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पेड़ नहीं काटने पड़ेंगे, क्योंकि लकड़ी की जगह नोट का उपयोग होगा।
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पर्यावरण साफ रहेगा, क्योंकि अब नोट जलेंगे नहीं।
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फर्नीचर सस्ता और टिकाऊ बनेगा।
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कचरा भी कम होगा।
अब कहावत बदल जाएगी: ‘जंगल नहीं, नोट कटेंगे!’
शायद अगली बार आप जिस कुर्सी पर बैठें, वो किसी का पुराना ₹500 या ₹2000 का नोट रहा हो! RBI की ये योजना प्रकृति की रक्षा करती है और पुराने नोटों को नया जीवन देती है।