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हरियाणा में इन गांव की हुई बल्ले बल्ले, जल्द मिलेगा तहसील का दर्जा

By Rohit Kumar

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चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार ने कुछ गांवों की तहसीलें (राजस्व दफ्तर) बदलने का फैसला लिया है। यह फैसला सिरसा, झज्जर और यमुनानगर जिलों के कुछ गांवों के लिए लिया गया है। एक सरकारी मीटिंग में यह तय किया गया कि कौन-कौन से गांव किस तहसील में जाएंगे।

किन गांवों की तहसील बदलेगी?

सिरसा जिले के गांव – मलिकपुर, किंगरे, नौरंग, बनवाला और मिठड़ी अब तहसील कालांवाली की जगह डबवाली तहसील में आएंगे।

झज्जर जिले के गांव – बिलोचपुरा, भिण्डावास और शाहजहांपुर अब मातनहेल से हटकर झज्जर तहसील में जुड़ेंगे।

यमुनानगर जिले के गांव – चाहड़वाला गांव को सरस्वती नगर से हटाकर बिलासपुर तहसील में और रुपोली गांव को रादौर तहसील से हटाकर सरस्वती नगर उप-तहसील में रखा जाएगा।

क्यों बदली जाती हैं तहसीलें?

सरकार जब देखती है कि किसी गांव को किसी और तहसील से जोड़ना ज्यादा अच्छा रहेगा, तो वह बदलाव करती है। इससे गांव के लोगों को सरकारी काम करवाने में आसानी होती है।

तहसील या उप-तहसील बनने के नियम

  • उप-तहसील के लिए – कम से कम 10 गांव, 60,000 लोग और 15 किलोमीटर की दूरी

  • तहसील के लिए – कम से कम 20 गांव, 80,000 लोग और 15 किलोमीटर की दूरी

  • उपमंडल के लिए – कम से कम 40 गांव, 2.5 लाख लोग और 10 किलोमीटर की दूरी

नए जिले बनने की तैयारी

सरकार कुछ नए जिले भी बना सकती है। गोहाना, हांसी, असंध, सफीदों और डबवाली को जिला बनाने का सोचा जा रहा है।

नए जिले के लिए जरूरी बातें

  • 125 से ज्यादा गांव

  • 4 लाख से ज्यादा लोग

  • 80,000 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन

  • पुराने जिला मुख्यालय से 25–40 किलोमीटर दूर

यह सब बदलाव इसलिए किए जा रहे हैं ताकि लोगों को अपने सरकारी कामों के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े और उन्हें ज्यादा सुविधा मिल सके।

वंदना गुप्ता

वंदना गुप्ता एक अनुभवी पत्रकार हैं, जो KhabriExpress.net के लिए ऑटोमोबाइल, गैजेट, हरियाणा समाचार और सरकारी योजनाओं से जुड़ी खबरें लिखती हैं। उनकी लेखनी स्पष्ट, विस्तृत और पाठकों के लिए उपयोगी होती है। नवीनतम तकनीक और नीतियों की गहरी समझ के साथ, वे सटीक और भरोसेमंद जानकारी प्रदान करने में माहिर हैं।

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